कहते हैं तुम छोटा बड़ा गलत सही कुछ भी करते रहो सरकार ध्यान नहीं देती है । लेकिन जब सरकार ध्यान देती है तो पिछले कई सालों का गलत किए गए काम को पकड़ लेती है और कुछ ऐसा ही हुआ 31 जनवरी को आरबीआई ने एक आर्डर जारी किया कि जो पेटीएम पेमेंट बैंक है 29 फरवरी के बाद इसमें किसी भी प्रकार का ट्रांजैक्शन नहीं हो पाएगा पेटीएम बैंक के अंदर आप और ज्यादा पैसे ऐड नहीं कर पाओगे । बाकी 29 फरवरी के बाद कोई भी पेमेंट पेटीएम बैंक से नहीं कर पाओगे फास्ट टैग भी नहीं चलेगा।
यह जो एक्शन हुआ है यह पेटीएम पेमेंट बैंक पर हुआ है ना कि पेटीएम वॉलेट पर यह दोनों ही अलग-अलग है
पेटीएम क्या है
पेटीएम एक मोबाइल पेमेंट प्लेटफार्म है जहां आपने ऐप डाउनलोड किया और उसके वॉलेट से अपने पर्सनल अकाउंट में लिंक किया । और अब आप कहीं भी इसकी मदद से पेमेंट कर सकते हो । अब यह वायलेट पेमेंट प्लेटफार्म तो चल ही रहा था उसके बाद इनको पेटीएम बैंक का लाइसेंस चाहिए। और 2015 में इनको लाइसेंस मिल गया । 2017 में इन्होंने ऑपरेशन चालू की वर्क प्रोसेस अभी चल ही रहा था कि आरबीआई ने एक नया नियम चालू किया कि नये यूजर अब अप्लाई नहीं कर सकते हैं
फिर पेटीएम ने आरबीआई से पूछा कि क्या हुआ आपने ऐसा कैसे किया तो आरबीआई का जवाब आया कि आप हमारे दिए हुए शर्तों का उल्लंघन कर रहे हो । फिर शुरुआती दौर था पेटीएम ने आरबीआई से बात किया की नई-नई कंपनी है थोड़ा बहुत प्रॉब्लम हो जाएगा लेकिन हम कोशिश करेंगे कि आरबीआई के नियमों का पालन करें और कोई प्रॉब्लम ना होने दे फिर आरबीआई ने दिसंबर 2018 में बैन हटा दिया।
पेटीएम बंद होने का सबसे बड़ा कारण
इसी बीच कुछ ऐसा हुआ कि पेटीएम बंद होने का सबसे बड़ा कारण वही बन गया चलिए आगे जानते हैं
अब यहां पर बात यह है कि अगर पेटीएम बैंक है तो यहां खाते भी खुलेंगे और जब खाते लोगों ने खोलना शुरू किया तो 1 साल के अंदर ही आरबीआई ने नई यूजर्स को खाता खोलने पर बैन लगा दिया। और यह सिर्फ पेटीएम पेमेंट बैंक पर ही नहीं बल्कि पेटीएम वॉलेट पर भी बैन लगा दिया आरबीआई का मानना था कि पेटीएम आरबीआई के लाइसेंस कंडीशन का उल्लंघन कर रहा है।
और इसीलिए जून 2018 में आरबीआई ने सबसे पहला बैंन लगाया था उसके बाद पेटीएम ने आरबीआई से कुछ समय मांगा और कहा हम सब कुछ ठीक कर देंगे और दिसंबर 2018 में आरबीआई ने पेटीएम से सारे बैन हटा दिया। उसके बाद सब कुछ नॉर्मल हो गया था अब देखिए आरबीआई जैसे ही कोई बड़ी वार्निंग देती है तो सामने वाले को जल्दी से जल्दी सब कुछ ठीक करना ही पड़ेगा लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि पेटीएम ने सब कुछ ठीक करने के बजाय आरबीआई का एक ऐसी रिपोर्ट सबमिट की की जिसमें बहुत सारी चीजे गड़बड़ थी फिर आरबीआई ने पेटीएम को ऐसे ही नहीं छोड़ा पेटीएम पर एक करोड़ का फाइन लगा दिया।
अब यहां पर एक सवाल उठता है कि यदि किसी कंपनी पर फाइन लगता है तो वह कंपनी क्या करेगी जवाब यही होगा कि उस कंपनी पर जिसकी वजह से फाइन लगा है उस गलती को सुधारना चाहिए। लेकिन पेटीएम का मैनेजमेंट ने ऐसा क्या किया कि आरबीआई ने मार्च 2022 में पेटीएम पर फिर से बैन लगा दिया, नए यूजर्स को इनरोल करने के लिए। और इसमें जो समस्या की गई थी वह थोड़ी और बड़ी हो गई आरबीआई ने देखा कि पेटीएम की टेक्नोलॉजी उतनी सही नहीं है जितनी सही होनी चाहिए।
और पेटीएम सुपर सिक्योरिटी में उतना ज्यादा ध्यान नहीं दे रहा था और साथ ही आरबीआई को यह भी लग रहा था कि पेटीएम पेमेंट बैंक के लिए कोई अलग से सर्वर नहीं था।
आरबीआई जब भी किसी बैंक को लाइसेंस देती है तो वह पहले ही बता देती है कि आपको अपना डाटा किसी भी पर्सनल इंसान या कंपनी के साथ शेयर नहीं करना है आपके पास बहुत सारे लोगों की इनफार्मेशन होगी जिसका मिस यूज हो सकता है साथ ही पेटीएम का टाइप कुछ चीनी ऐप के साथ भी था इसलिए इशू और ज्यादा क्रिटिकल बन गया । क्योंकि आरबीआई को यह शक था कि कहीं कस्टमर का डाटा उन ऐप के साथ शेयर नहीं किया जा रहा है । इसीलिए दोस्तों मार्च 2022 में आरबीआई ने पेटीएम के ऊपर सुपरवाइजरी रिस्ट्रिक्शंस लगा दिया।
इसके बाद में पेटीएम कोई भी नया कस्टमर ऐड नहीं कर सकता था । फिर अक्टूबर 2023 में जब आरबीआई को ऑडिट रिपोर्ट सबमिट की गई तो रिपोर्ट में यह पता चला कि पेटीएम ने इस बार भी कोई सीरियस एक्शन नहीं लिया है। फिर आरबीआई ने पेटीएम के ऊपर 5.39 करोड़ का फाइन लगा दिया।
और क्या थे पेटीएम बंद होने के बड़े कारण?
वैसे हम सबको पता है कि आज के टाइम में ऑनलाइन बैंक अकाउंट ओपन करना है तो बैंक के अंदर आपको वीडियो केवाईसी करना पड़ता है तो पेटीएम का वीडियो बेस कस्टमर कंफर्मेशन भी उतना अच्छा नहीं था उसके साथ आरबीआई ने यह भी देखा कि पेटीएम के कई यूजर्स का केवाईसी तो हुआ ही नहीं है।और इसमें सोचने की यह भी बात थी कि एक ही पैन नंबर से हजारों लोगों के अकाउंट लिंक किए गए थे। आपको पता होगा कि पैन का फुल फॉर्म होता है परमानेंट अकाउंट नंबर और यह सिर्फ एक ही इंसान को ही मिलता है तो कैसे कोई बैंक एक पैन से हजारों अकाउंट ओपन कर सकती है यह भी आरबीआई को समझ में नहीं आ रहा था।
इसके बाद सिक्योरिटी पर्पस के हिसाब से देखा जाए तो यह बहुत ही चिंता की बात थी और भी कुछ चीज थी जो आरबीआई का टेंशन बढ़ा रही थी जिसे पेटीएम में कुछ अकाउंट तो ऐसे भी थे जो सालों से ऑपरेट नहीं हुए थे। उसके अलावा कुछ अकाउंट्स ऐसे भी थे जहां पर करोड़ों रुपए पड़े थे ।अब आप खुद सोचिए कुछ अकाउंट ऐसे भी जिसका केवाईसी नहीं हुआ था, कुछ अकाउंट ऐसे हैं जिसका ओनर का पता ही नहीं है, कि मेरा अकाउंट है कि नहीं है।
इसके अलावा कुछ अकाउंट ऐसे भी थे जिसमें करोड़ों रुपए पड़े हैं और कुछ अकाउंट ऐसे हैं जो एक ही पैन कार्ड के साथ लिंक है यह सारी बातों को मनी लांड्रिंग के साथ भी कनेक्ट किया जा रहा है और इसमें कितनी सच्चाई है यह तो आने वाला टाइम बताएगा आपका क्या राय है पेटीएम के प्रति एक बार कमेंट में जरूर बताएं।